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COMMUNICATION TODAY

Media Quarterly (Journal)

(Lighthouse of Media Professionals)
A Double-Blind Peer-Reviewed Bilingual Media Quarterly

124th National Webinar | May 16, 2024

Please join us, on 16-05-2024 at 5:30 PM for 124th Media Lecture Series, in Online Mode, in collaboration with Communication Today (A quarterly Media Journal) Jaipur & Bharati Vidyapeeth, New Delhi, on The Art of Active Listening

👉 1. Login & Networking: 5:30 PM to 6:00 PM
👉 2. Experts’ Talk(s): 6:00 PM to 7:30 PM
👉 3. Discussions and Certification: 7:30 PM Onwards

👉 Login Credentials: https://bvicam.webex.com/meet/webinar

👉 Live-streaming can be viewed at: https://www.youtube.com/channel/UCuOPY-98JUY9T2igRpj8tIQ/featured

👉 Note:

  1. For advance registration, please click on https://bvicam.ac.in/MediaSeries/
  2. Certificates can be generated automatically, completely free of cost, once you fill and submit the feedback form at the end of the Webinar.

👉 YouTube link (123rd Webinar)
https://youtu.be/V2khHV7oifg?si=A0sFGD6wHJDXe65P

👉 WhatsApp Group joining link
https://chat.whatsapp.com/IxwiYL6Sgy29N3BXUSO19E

👉 YouTube Channel Joining link:
https://youtube.com/@sanjeevbhanawat?si=HL8yIMKMOIIro539

👉 Website: https://communicationtoday.net

With best wishes and regards.

Prof Sanjeev Bhanawat Editor, Communication Today, Jaipur
&
Prof. M. N. Hoda, Director, Bharati Vidyapeeth, New Delhi

123rd National Webinar | May 13, 2024

https://www.youtube.com/watch?v=V2khHV7oifg

13 मई, 2024 को जयपुर से प्रकाशित मीडिया त्रैमासिक जर्नल कम्युनिकेशन टुडे तथा दिल्ली के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान भारती विद्यापीठ के संयुक्त तत्वावधान में Interactive Story Telling: Engaging Audience in the Digital Age विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया। मीडिया लेक्चर सीरीज की यह 123वीं श्रृंखला थी।

पत्रकार साहित्यकार एवं एक्टिविस्ट देवास मध्य प्रदेश के श्री संदीप नायक ने डिजिटल मीडिया के इंटरएक्टिविटी सामर्थ्य की ओर संकेत करते हुए कहा कि अब तेजी से कहानी कहने की कला का पैराडाइम शिफ्ट हो रहा है। हम एक पॉजिटिव नेरेटिव गढ़ने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने देश की साहित्यिक परंपरा का विस्तार उल्लेख करते हुए कहा कि उस दौर में समाज को गढ़ने वाली कहानियां हमें आपस में जोड़ती थीं। उनका मानना था कि दूरदर्शन और निजी चैनलों ने भी कहानी कहने की कला को नए रूप में प्रस्तुत किया है और अब डिजिटल डिवाइस ने इसे पूरी तरह से बदल दिया है। अब हम किसी भी कहानीकार से सीधा संवाद कर सकते हैं। उन्होंने पढ़ने की कम होती प्रवृत्ति पर भी दुःख प्रकट किया।

आईटीएम यूनिवर्सिटी, ग्वालियर के पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष डॉ मनीष जैसल का मानना था कि कहानी जिंदगी के परसेप्शन को बदलती है। उन्होंने कहा कि डिजिटल दौर में अब कहानी कुछ सेकंड्स में कही जाने लगी है। उन्होंने कहानी कला में मानवीय चेतना जैसे तत्वों को प्राथमिकता से जोड़ने की आवश्यकता महसूस की।

राजस्थान विश्वविद्यालय के जनसंचार केंद्र के पूर्व अध्यक्ष एवं कम्यूनिकेशन टुडे के संपादक प्रो संजीव भानावत ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि कहानी कहने की कला संभवतः मनुष्य की अभिव्यक्ति की क्षमता के साथ ही शुरू हो गई थी। उनका मानना था कि पहले कहानी के साथ श्रोता का सीधा जुड़ाव होता था लेकिन डिजिटल माध्यम में वह जुड़ाव धीरे-धीरे कम होता चला जा रहा है। उसके साथ अब दृश्यात्मक और संगीतात्मक पक्ष भी प्रमुख होता जा रहा है । इसके अपने व्यापक सामाजिक मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ रह हैं जिन पर व्यापक शोध अपेक्षित है।

भारती विद्यापीठ में पत्रकारिता विभाग की सहायक प्रोफेसर प्रियंका सिंह ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की उन्होंने ई-बुके से अतिथियों का स्वागत किया तथा कार्यक्रम के अंत में विषय विशेषज्ञों को ई-सर्टिफिकेट तथा ई-स्मृति चिन्ह भेंट किए । विभाग की अध्यक्ष आयुषी सचदेव चोपड़ा ने सभी का आभार भी प्रकट किया।

टीम के अन्य सदस्यों भारती विद्यापीठ के शिक्षक जयंत राठी, पुष्पेंद्र सिंह, डॉ सुनील कुमार, प्रिया सिंह, अंबुश तथा आईआईएमटी यूनिवर्सिटी, मेरठ की डॉ पृथ्वी सेंगर ने विभिन्न दायित्वों का निर्वहन किया।

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एक मुलाकात जैनेंद्र सिंह (ब्रॉडकास्टर और एंकर) से

प्रख्यात रेडियो प्रसारक, कंमेंटेटर, एंकर तथा आकाशवाणी से सहायक निदेशक (कार्यक्रम) के रूप में सेवानिवृत्त श्री जैनेंद्र सिंह टेलीविजन , अभिनय आदि अनेक क्षेत्रों में सक्रिय रूप से जुड़े रहे । आकस्मिक उद्घोषक के रूप में अपनी यात्रा को प्रारंभ करते हुए आकाशवाणी के सहायक निदेशक के पद तक पहुंचे। देश दुनिया की आपने अनेक यात्राएं भी कीं। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से लेकर अनेक साहित्यिक सांस्कृतिक आदि अनेक महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के संचालन के साथ-साथ देश के स्वतंत्रता दिवस तथा गणतंत्र दिवस जैसे समारोहों की कंमेट्री भी आपने की है। उनके जीवन यात्रा के अनेक पहलुओं पर हुए रोचक संवाद को आप इस लिंक को क्लिक कर देख सुन सकते हैं।

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कहा फेक न्यूज़ की बढ़ती प्रवृत्ति के दौर में मीडिया लिटरेसी आज की महती आवश्यकता
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